अपशब्दों के इस्तेमाल से मचा विधानसभा में बवाल, विवादित बयानों से उपजे गतिरोध का माफी के साथ हुआ अंत

जयपुर: 'ओए बात मत कर नहीं तो मेरा जूता बात करेगा....बीच में डिस्टर्ब मत कर’ यह डायलॉग किसी गली के झगड़े का नहीं बल्कि विधानसभा में एक विधायक द्वारा दूसरे विधायक को दी गई चेतावनी है। कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा शुक्रवार को सदन में इस कदर आपा खो बैठे कि उन्होंने चलते-चलते सत्ता पक्ष के एक विधायक को यह बात कह दी। शून्यकाल में जब घोगरा बोल रहे थे तो भाजपा के एक विधायक ने उन्हें टोका, जिस पर घोगरा आपा खो बैठे और आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया। इतना ही नहीं, वे सभापति संदीप शर्मा से भी भिड़ गए। बाद में सदन में खूब हंगामा हुआ।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, विधायक दल की बैठक में करेंगे चर्चा
घोगरा के इस बयान को लेकर कांग्रेस भी बैकफुट पर है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा है कि विधायक दल की बैठक में घोगरा से बात की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस अपने नेताओं की भाषा और व्यवहार को लेकर काफी सख्त है और इस तरह की भाषा के प्रयोग को उचित नहीं ठहराया जा सकता। जूली ने यह भी कहा कि वे विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध करेंगे कि इस बयान को सदन की कार्यवाही से हटा दिया जाए।
जूली ने कहा कि सदन में मर्यादा और गरिमा बनी रहनी चाहिए और सभी दलों को इस पर ध्यान देना चाहिए। टीकाराम जूली ने कहा कि कांग्रेस अपने विधायकों को सख्त निर्देश देगी कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक बहस में शालीन भाषा का इस्तेमाल जरूरी है और कांग्रेस हमेशा संसदीय गरिमा बनाए रखने की पक्षधर रही है।