अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के नवसारी जिले के वानसी-बोरसी में ‘लखपति दीदी’ कार्यक्रम में शामिल होंगे. ‘लखपति दीदी’ कार्यक्रम में 1.1 लाख से अधिक महिलाओं के शामिल होने की आशा है. ‘लखपति दीदी’ योजना का उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद करके उन्हें सशक्त बनाना है, जिसका लक्ष्य देश भर में कम से कम दो करोड़ महिलाओं को लखपति बनाना है.

यह कार्यक्रम पुलिसिंग के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित करेगा, क्योंकि कानून और व्यवस्था के सभी पहलुओं के साथ-साथ कार्यक्रम की व्यवस्था भी महिला पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा प्रबंधित की जाएगी.

इस कार्यक्रम में कुल 2,165 महिला कांस्टेबल, 187 महिला पीआई, 61 महिला पीएसआई, 19 महिला डीवाईएसपी, 5 महिला डीएसपी, 1 महिला आईजीपी और 1 महिला एडीजीपी पूरे कार्यक्रम की जिम्मेदारी संभालेंगी और इसके सुचारू क्रियान्वयन को सुनिश्चित करेंगी. इस कार्यक्रम का प्रबंधन महिला पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा.

आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
हर साल, दुनिया आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाती है. यह दिन विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के योगदान का सम्मान करता है, लैंगिक समानता के बारे में जागरूकता बढ़ाता है और सशक्तिकरण और निष्पक्षता को प्रोत्साहित करता है.

यह महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों का जश्न भी मनाता है. साथ ही दुनिया भर में उनके अधिकारों के लिए जोर देता है. भारत ने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, आर्थिक स्वतंत्रता और सुरक्षा को बढ़ावा देने वाली पहलों के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है.

‘नारी शक्ति से विकसित भारत’ थीम पर दिल्ली में कार्यक्रम
महिलाओं के विकास की अवधारणा से महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की ओर बढ़ते हुए केंद्र सरकार ने महिलाओं को अपनी सामाजिक-आर्थिक प्रगति के केंद्र में रखा है. शनिवार, 8 मार्च को, भारत सरकार ‘नारी शक्ति से विकसित भारत’ थीम के तहत विज्ञान भवन, नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन आयोजित करेगी.

इस कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी, जिसमें महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी, राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे.

यूनिसेफ और यूएन महिला जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ सशस्त्र बलों, पुलिस और विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों की महिलाएं भी इसमें भाग लेंगी.