कंपनियों का मुनाफा बढ़ा, निजी निवेश में सुधार की उम्मीद नहीं: क्रिसिल रिपोर्ट

घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (Crisil) ने गुरुवार को कहा कि भारतीय उद्योग जगत का मुनाफा दशक के उच्चतम स्तर पर है। हालांकि, जबरदस्त मुनाफे के बावजूद प्राइवेट सेक्टर के पूंजीगत व्यय में सतत वृद्धि की उम्मीद नहीं है। एजेंसी ने कहा कि कमोडिटी की कीमतों में नरमी के कारण भारतीय उद्योग जगत का प्रॉफिट अगले वित्त वर्ष (2025-26) में लगातार तीसरे साल बढ़ने वाला है। बैंकिंग, फाइनेंस, तेल और गैस सेक्टर की कंपनियों को छोड़कर 800 कंपनियों के विश्लेषण से पता चलता है कि अगले वित्त वर्ष में कर-पूर्व लाभ मार्जिन (Pre-Tax Profit Margin) बढ़कर 20 प्रतिशत तक हो जाएगा।
पिछले कुछ सालों से अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा निवेश कर रही है सरकार
सरकार पिछले कुछ सालों से अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा निवेश कर रही है और कॉरपोरेट पूंजीगत व्यय में भी सुधार की मांग उठ रही है। हालांकि, नई क्षमताएं बनाने के लिए निवेश करने के बजाय भारतीय उद्योग जगत ने कर्ज चुकाने और अन्य उपायों में खूब पैसा लगाया है, जबकि क्षमता उपयोग का स्तर ऊंचा है। क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डी. के. जोशी ने मीडिया के साथ बातचीत करते हुए कहा, “कंपनियों की निवेश करने की क्षमता इस समय निवेश करने की इच्छा से मेल नहीं खाती है।”
अगले वित्त वर्ष में बढ़कर 8 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी भारतीय कंपनियों की आय वृद्धि
डी. के. जोशी ने कहा कि अस्थिर वैश्विक माहौल की वजह से अनिश्चितताएं और घरेलू मांग में असमानता, ऐसे कारक हैं जो कंपनियों को निवेश करने से रोक रहे हैं। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा कि भारतीय कंपनियों की आय वृद्धि अगले वित्त वर्ष में बढ़कर 8 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी, जबकि चालू वित्त वर्ष (2024-25) में इसके 6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। एजेंसी ने इस बात पर जोर दिया कि ये बढ़ोतरी मूल्य वृद्धि के कारण नहीं बल्कि ज्यादा मात्रा के कारण होगी।