इन दिनों देश की राजनीति में औरंगजेब को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. इसका मुख्य कारण समाजवादी पार्टी के विधायक अब्बू आजमी का औरंगजेब की तारीफ करना है. उन्होंने औरंगजेब को एक कुशल शासक बताया था. ऐसा कहा जाता है कि औरंगजेब ने अपने शासनकाल में 1000 से ज्यादा मंदिरों को तोड़कर वहां पर मस्जिद बनाई थी, लेकिन देश में एक ऐसा भी मंदिर था जहां से औरंगजेब को वापस लौटना पड़ा था. भारत के इतिहास में ऐसी हजारों घटनाएं है, जो कि औरंगजेब को क्रुर शासक बताती है. औरंगजेब ने भारत पर 1658 से 1707 तक राज किया है. इस दौरान उसने यहां तरह-तरह से लोगों पर अत्याचार किया है. इसमें सबसे बड़ी घटनाएं हिंदू मंदिरों को तोड़कर उनपर मस्जिद का निर्माण करवाना था. कहा जाता है कि औरंगजेब ने अपने शासनकाल के दौरान एक हजार से ज्यादा मंदिरों को तोड़ा था.

औरंगजेब की सेना हुई थी बेहोश
इस दौरान जब औरंगजेब मंदिरों को तोड़ते हुए काशी के बाद भगवान राम की तपोस्थली चित्रकूट पहुंचा गया. यहां इसकी सेना ने मंदाकिनी नदी के किनारे रामघाट तट पर स्थित महाराजधिराज मत्यगजेंद्रनाथ मंदिर में शिवलिंगों को हथौड़ा से हटाने की कोशिश की, जिसे ब्रह्मा जी ने स्थापित किया था. शिवलिंग पर हथौड़ा लगाते ही औरंगजेब के सेनापति सहित पूरी सेना बेहोश हो गई.यह सब देखते ही औरंगजेब बेहद घबरा गया.

बालाजी मंदिर पहुंचा
इसके बाद वह भागते हुए मतगजेंद्रनाथ मंदिर से कुछ दूर स्थित बालाजी मंदिर पहुंचा. मत्यगजेंद्रनाथ मंदिर के पुजारी विपिन तिवारी ने बताया ने कि इस दौरान बालाजी मंदिर के संत बालक दास से औरंगजेब ने अपनी सेना को ठीक करने की बात प्रर्थाना की. इसके बाद संत बालक दास ने औरंगजेब से कहा कि तुम एक ताम्रपत्र में लिखकर दो कि दोबारा चित्रकूट में मंदिरों को नहीं तोड़ोगे. अगर तुम ऐसा लिखकर देते हो मैं तुम्हें इस समस्या का समाधान बताऊंगा.

औरंगजेब ने मंदिर को दान की हजारों बीघा जमीन
यह बात सुनते ही औरंगजेब ने संत की बात मान ली. इसके बाद महंत ने कहा कि तुम यहां से 10 किलोमीटर दूर चले जाओ, तुम्हारी सेना की जान बच जाएगी. इसके बाद संत ने औरंगजेब को भभूत भी दी थी जिसे लगाने के बाद औरंगजेब सहित उसकी पूरी सेना ठीक हो गई थी. औरंगजेब ने बालाजी मंदिर के तामपत्र पर हजारों बीघा जमीन दान कर दी थी और बाद में उसे बनवाया भी था. इस घटना के प्रमाण आज भी मत्यगजेंद्रनाथ मंदिर और बालाजी मंदिर में मौजूद है.

1691 की बताई जा रही घटना
मत्यगजेंद्रनाथ मंदिर में स्थापित शिवलिंग में आज भी हथौडे़ के निशान देखे जा सकते हैं. वहीं, बालाजी मंदिर में आज भी औरंजेब का ताम्रपत्र मौजूद है, जिसमें उसने हजारों बीघा जमीन मंदिर के नाम की थी. बालाजी देश के एकलौता मंदिर है, जिसे औरंगजेब ने तोड़ा नहीं बल्कि बनाया था. ऐसा दावा बालाजी मंदिर के महंत भुवनदास महराज का है, जो इस घटना को 1691 की बता रहे हैं.