जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के लिए शुक्रवार को मतदान पूरा हो गया. इस बार के चुनाव में 70 प्रतिशत वोट किए जाने का अनुमान लगाया गया है. जेएनयू छात्र संघ चुनाव समिति के मुताबिक, 69.6 प्रतिशत से ज्यादा छात्रों ने वोट किया. हालांकि, यह 2023 में दर्ज किए गए 73 प्रतिशत मतदान से थोड़ा कम है. कुल 7,906 मतदाताओं में से लगभग 5,500 विद्यार्थियों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. मतदान दो सत्रों में सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक और 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक, परिसर के 17 केंद्रों पर हुआ.

मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा, हालांकि कुछ स्थानों पर देरी की खबरें भी आईं, विशेष रूप से स्कूल ऑफ लैंग्वेज केन्द्र पर, जहां मतपत्र पर दो उम्मीदवारों के नाम गायब होने के कारण मतदान देरी से शुरू हुआ.

क्या हुआ बदलाव?
इस साल के चुनावों में जरूरी बदलाव देखने को मिले. लंबे समय से चली आ रही एकजुट लेफ्ट बिखर गई है. ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ) के साथ गठबंधन किया, जबकि स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने बिरसा आंबेडकर फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन (बापसा), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ)और प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स एसोसिएशन (पीएसए) के साथ मिलकर एक अलग मोर्चा बनाया.

मतों की गिनती शुक्रवार देर रात शुरू हुई, सबसे पहले काउंसलर पदों के नतीजे घोषित किए जाने की उम्मीद है. अंतिम नतीजे सोमवार, 28 अप्रैल को जारी किए जाने की संभावना है.

किस पार्टी से कौन लड़ रहा चुनाव?
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने अध्यक्ष पद के लिए शिखा स्वराज, उपाध्यक्ष पद के लिए निट्टू गौतम, महासचिव पद के लिए कुणाल राय और संयुक्त सचिव पद के लिए वैभव मीना सहित एक पूर्ण पैनल ने चुनाव लड़ा है.

आइसा-डीएसएफ गठबंधन ने अध्यक्ष पद के लिए नीतीश कुमार, उपाध्यक्ष पद के लिए मनीषा, महासचिव पद के लिए मुन्तेहा फातिमा और संयुक्त सचिव पद के लिए नरेश कुमार को नामित किया गया. इस बीच, एसएफआई-बापसा-एआईएसएफ-पीएसए ब्लॉक ने चौधरी तैय्यबा अहमद को उम्मीदवार बनाया गया.

इस बीच, एसएफआई-बापसा-एआईएसएफ-पीएसए ब्लॉक ने अध्यक्ष पद के लिए चौधरी तैय्यबा अहमद, उपाध्यक्ष पद के लिए संतोष कुमार, महासचिव पद के लिए रामनिवास गुर्जर और संयुक्त सचिव पद के लिए निगम कुमार को आगे किया है.