लोग शांति और सुकून के लिए वृंदावन जाते हैं और राधा कृष्ण भगवान का दर्शन करते हैं. मनोकामना भी पूरी होती है और लोगों को ऐसा लगता है कि मानो वह स्वर्ग में हैं. सारे दुख भूल कर भगवान के साथ एकाकार की अनुभूति करते हैं. लेकिन, जब मन बेचैन होता है, तो हमेशा या फिर तुरंत लोग वृंदावन नहीं जा सकते हैं. वैसा ही सुकून आप झारखंड की राजधानी रांची के बीचो-बीच स्थित मिनी वृंदावन में जरूर ले सकते हैं.

दरअसल, हम बात कर रहे हैं रांची के चिरौंदी स्थित वृंदावन कॉलोनी में स्थित वृंदावन धाम की, जिसे यहां के लोग प्यार से मिनी वृंदावन कहते हैं. लोग कहते हैं, यहां आने का मतलब है कि वृंदावन ही आ गए. मन को इतनी सुकून और शांति मिलती है और कहीं नहीं मिलती है. थोड़ा सा भी मन बेचैन होता है, तो दौड़े चले आते हैं. यहां पर राधा कृष्ण भगवान का, तो दीदार होता ही है. साथ ही, यहां समस्त देवी देवता जैसे माता काली से लेकर गणेश देवता माता पार्वती, शिव भगवान हर किसी का दर्शन हो जाता है.

मानो की स्वर्ग लोक हो
यहां पर पहली बार आई दीपिका बताती है, यहां रांची में मायका था बाहर से आई हूं, तो किसी ने कहा यहां पर वृंदावन कॉलोनी है और एक खूबसूरत धाम भी है. पता नहीं था कि इतना खूबसूरत है, आकर सच में मजा आ गया. इतना सुकून और शांति मिल रहा है. सबसे अच्छी बात यह है कि यहां पर दर्शन के बाद बैठने की उचित व्यवस्था है. जगह-जगह इतना स्पेस है कि आप बैठकर साधना या ध्यान लगा सकते हैं या यूंही बैठ सकते हैं.

वहीं, रातू रोड की शीला देवी बताती है, मेरे पास कहने के लिए शब्द नहीं है.आप मेरे चेहरे से ही समझ लीजिए कि मुझे कितना सुकून मिल रहा होगा. यहां पर बस बैठे हुए चुपचाप बस एक बार दर्शन कर लिया और साइड में आके बैठ गए. बस इतना से ही इतना अच्छा लग रह एकदम शांति आ गई है.ऐसा लग रहा है कि मैं वृंदावन में ही हूं, यह कोई मिनी वृंदावन नहीं सच कहिए तो यही वृंदावन है.मन बहुत हल्का लग रहा है जो पहले थोड़ा सा भारी था.

राधा कृष्ण के साथ सारी देवी देवता के दर्शन
यहां की खास बात यह है कि आपको सिर्फ राधा कृष्ण भगवान के दर्शन नहीं होंगे.बल्कि, लक्ष्मी गणेश, शिव भगवान, शनि भगवान व सारे देवी देवताओं के दर्शन एक जगह हो जाएंगे. हनुमान जी की यहां पर एक बहुत ही बड़ी प्रतिमा है.साथ ही, यहां पर अगर आप प्रसाद लेना चाहते हैं, तो बाहर में दो-चार स्टॉल भी है. वहां से आप प्रसाद ले सकते हैं.पार्किंग की भी उचित व्यवस्था है. हालांकि, खाने की वैसे कोई व्यवस्था नहीं है उसके लिए आपको कम से कम 1 किलोमीटर दूर जाना पड़ेगा.