बिहार में साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी दांव चले जाने लगे हैं. सिवान के सांसद रहे शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब ने 2025 के विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमने के लिए ताल ठोक दी है. शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब ने कहा कि हम लोग सोच रहे हैं कि ओसामा शहाब को किसी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ाया जाए. हमारा अपना ही विधानसभा क्षेत्र है रघुनाथपुर, तो सोचा जा रहा है. इस तरह से हिना शहाब ने साफ-साफ कह दिया है कि उन्हें अपने बेटे के लिए रघुनाथपुर सीट चाहिए, लेकिन देखना होगा कि इसके लिए लालू-तेजस्वी कितने तैयार होते हैं.

हिना शहाब के रघुनाथपुर विधानसभा सीट पर दावा करने के बाद सिवान के साथ-साथ आरजेडी का सियासी माहौल गर्मा गया है. रघुनाथपुर विधानसभा सीट पर आरजेडी का कब्जा है, जहां से लगातार दूसरी बार हरिशंकर यादव विधायक हैं. ओसाम शहाब के लिए हरिशंकर यादव क्या अपनी परंपरागत रघुनाथपुर सीट छोड़ने के लिए रजामंद होंगे या फिर नहीं?

ओसामा शहाब की सियासी लॉन्चिंग

शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब की सियासी लॉन्चिंग के लिए सिवान की रघुनाथपुर सीट को चिन्हित किया गया है. यह सीट यादव-मुस्लिम समीकरण के लिहाज से बेहतर मानी जाती है. इसी समीकरण के सहारे हरिशंकर यादव दो बार से विधायक चुने जाते रहे हैं इसलिए अब शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब ने रघुनाथपुर सीट का सिलेक्शन किया है ताकि आसानी से जीत दर्ज कर सकें. शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब लगातार तीन बार लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन अभी तक जीत नहीं सकीं है. यही वजह है कि ओसामा शहाब के लिए सेफ सीट की तलाश थी. ऐसे में हिना शहाब ने अपने समर्थकों के बीच ओसामा को रघुनाथपुर सीट से चुनाव लड़ाने का दावा कर दिया है.

सिवान में एक कार्यक्रम के दौरान हिना शहाब ने जिस तरह से कहा कि हम लोग सोच रहे हैं कि ओसामा शहाब को किसी विधानसभा से चुनाव लड़ाया जाए. हमारा अपना ही विधानसभा क्षेत्र है रघुनाथपुर, तो इस पर सोचा जा रहा है. इस तरह हिना शहाब का बयान सियासी खेमे में हलचल पैदा कर दी है, तो उन्होंने साफ कर दिया है कि उन्हें चुनाव में रघुनाथपुर की सीट चाहिए. मौजूदा समय में रघुनाथपुर सीट से आरजेडी के ही नेता हरिशंकर यादव विधायक हैं. ऐसे में हिना शहाब ने अपने बेटे के लिए दावा कर लालू यादव और तेजस्वी यादव के पाले में गेंद डाल दिया है.

हिना ने लालू-तेजस्वी की बढ़ाई टेंशन

हिना शहाब ने ओसामा शहाब के लिए रघुनाथपुर सीट पर नजर गढ़ा रखी है. आरजेडी के ही नेता हरिशंकर यादव लगातार दूसरी बार विधायक हैं. लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को फैसला करना है कि रघुनाथपुर सीट पर अपने दो बार के विधायक हरिशंकर यादव पर भरोसा करें या फिर ओसामा शहाब को उतारें. ओसामा के लिए क्या तेजस्वी यादव अपने मौजूदा विधायक का टिकट काटने का जोखिम भरा कदम उठाएंगे? आरजेडी के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं. विधायक हरिशंकर यादव को दिवंगत पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का बेहद करीबी माना जाता रहा है.

शहाबुद्दीन के कहने पर ही पहली बार उन्हें 2015 में आरजेडी से विधानसभा का टिकट मिला था. 2020 के विधानसभा चुनाव में रघुनाथपुर सीट से शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब के चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गई थीं, लेकिन हेना शहाब ने अटकलों पर विराम लगते हुए हरिशंकर यादव को ही फिर से टिकट दिलवाया. हिना शहाब अपने बेटे ओसामा को चुनाव लड़ाना चाहती हैं, तो रजामंद होंगे.

शहाबुद्दीन की विरासत का सवाल

रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र में पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का पैतृक गांव प्रतापपुर है. इस लिहाज से शहाबुद्दीन के भरोसेमंद को ही रघुनाथपुर सीट से आरजेडी का टिकट मिलता रहा. शहाबुद्दीन की सियासी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए हिना शहाब उतरीं. 2009, 2014, 2019 और 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ीं, लेकिन उन्हें जीत नहीं मिल सकी. लोकसभा चुनाव 2024 की बात की जाए तो हिना शहाब ने निर्दलीय ही चुनाव लड़ा था. इसके बाद भी जीत नहीं सकीं. अब हिना शहाब ने अपने बेटे ओसामा शहाब को चुनाव लड़ाने के लिए तैयारी की है, तो कोई सियासी रिस्क नहीं लेना चाहती.

हिना शहाब 2024 का चुनाव निर्दलीय लड़ी थी, उस समय लालू परिवार और हिना शहाब के बीच काफी दूरियां थीं. हिना शहाब को टिकट भी आरजेडी की ओर से नहीं मिला था. इसके बाद साल 2024 के अक्टूबर महीने में हिना शहाब और ओसामा शहाब एक बार फिर से आरजेडी में शामिल हो गए. ओसामा शहाब की नजर रघुनाथपुर की सीट पर है.ये फैसला लालू यादव और तेजस्वी यादव को करना है. अब देखना है कि ओसामा शहाब पर भरोसा जताते हैं या फिर दो बार के विधायक हरिशंकर यादव को तीसरी बार उतारते हैं.

रघुनाथपुर सीट का समीकरण

रघुनाथपुर विधानसभा सीट हमेशा जिले के लिए खास रही है. कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों का गृह क्षेत्र होने के कारण यह क्षेत्र चर्चित है. रघुनाथपुर सीट पर 7 बार कब्जा जमाने वाली कांग्रेस के पिछले दो दशकों से खाली हाथ है. साल 1952 के पहले चुनाव में कांग्रेस के रामानंद यादव विधायक बने थे. 1952, 1962 और 1969 में कांग्रेस के रामानंद जीते. रामदेव सिंह दो बार 1957 और 1967 में विधायक चुने गए, जबकि 1972 में श्रीनिवासन सिंह विधायक चुने गए थे.1977 में विक्रम कुंवर विधायक बने.

1980, 1985 और 1990 में जीत की हैट्रिक लगाने वाले कांग्रेस के विजय शंकर दुबे ने अंतिम बार 2000 में यहां से जीत दर्ज की थी. फरवरी 2005 और अक्टूबर 2005 के विधानसभा चुनाव में उन्हें करारी हार मिली. फरवरी 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में सभी समीकरण ध्वस्त हो गए. निर्दलीय जगमातो देवी ने यहां से जीत दर्ज की. अक्टूबर 2005 में चुनाव हुआ तब जगमातो देवी जेडीयू की टिकट पर चुनाव लड़ीं और जीत दर्ज की. इसके बाद 2010 में नए परिसीमन पर विधानसभा का चुनाव हुआ. बीजेपी में आए विक्रम कुंवर को टिकट मिला, लेकिन आरजेडी उम्मीदवार हरिशंकर यादव ने उन्हें पराजित कर दिया. इसके बाद हरिशंकर यादव दोबारा भी जीत दर्ज किए.

रघुनाथपुर का जातीय समीकरण

रघुनाथपुर विधानसभा सीट पर सबसे बड़ी संख्या में मुस्लिम हैं. यहां पर 23 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं, तो राजपूत वोटर 10 फीसदी हैं. रघुनाथपुर सीट पर 10 फीसदी यादव वोटर हैं, तो शाह बिरदारी भी करीब 8 फीसदी हैं. दलित वोटर भी बड़ी संख्या में हैं, तो अतिपिछड़ी जातियों भी निर्णायक भूमिका में हैं. आरजेडी इस सीट पर मुस्लिम व यादव समीकरण के सहारे जीत दर्ज करती रही है, तो जेडीयू ठाकुर और अति पिछड़ा वर्ग के वोटों के दम पर अपना दबदबा बनाए रखा. यादव और मुस्लिम फार्मूले के सहारे ही शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब अपने बेटे को चुनाव लड़ाने की कवायद में हैं. ऐसे में सभी की निगाहें लगी हुई हैं?